computer book in hindi pdf


 

trial blance क्या है ?| इसे कैसे बनाते है ?

trial balance को हिंदी में तलपट कहा  जाता है।  साधारण भाषा में कहे तो तलपट या trial balance एक विवरण होता है।  जो लेजर यानि खाताबही के विवरणों के आधार पर बनाया जाता है। जिससे हमें ये पता चलता है की खाताबही में की गयी सभी प्रविष्टियां सही है या गलत। इसको फिनेंशल ईयर के अंत में या किसी भी date को बनाया जा सकता है। 
तो आईये समझते  है अपनी भाषा में :
friends पिछली पोस्ट में हमने जाना था की journal entry और लेजर क्या होता है। और अब हम ट्रायल बैलेंस के बारे में जानेंगे। 
trial balance क्या होता है | trial balance कैसे बनाते है। 

  • Trial blance क्या होता है?
trial balance|hindi education 

trial का मतलब जाँच होता है और balance का मतलब शेष  होता है।  यानि लेजर में जो शेष आता है वह सही है या नहीं उसको जांचने के लिए जो विवरण तैयार किया जाता है वह  trial balance होता है
अर्थात वह  सूची जो खाताबही में खोले गए खतों के आधार पर यह जाँचने  लिए बनाई जाती है की खाताबही के डेबिट और क्रेडिट का योग समान है या नहीं। trial balance कहलाता है। या कहलाती है एक ही बात है 😄
 
  •  Trial blance क्यों बनाया जाता है ?
देखिये accounting में सबसे पहले हम जर्नल एंट्री करते है फिर उस के आधार पर लेजर बनाते है लेजर बनाने के बाद हमें आवश्यकता पड़ती है की सभी लेजर को जाँच लिया जाय जिससे ये पता चल सके की 
  • लेजर की गयी प्रविष्टिया सही है या नहीं। 
  • लेजर का dr और cr amount सही तरीके से भरा गया है या नहीं इसको जांचने के लिए। 
  • इसमें हुए गणितीय मिस्टेक को जांचने के लिए। 
  • लेजर में खोले गए खातों का शेष ज्ञात करने  लिए। 
  • Trial blance कैसे बनाया जाता है ?
trial balance बनाना मैगी बनाने से भी आसान है। जी हाँ मतलब एकदम आसान है अगर आपको जर्नल एंट्री और लेजर बनाना आता है तो। 
तलपट में पांच कॉलम बनाने होते है
trail balance format
  1. s.no
  2. name of account
  3. L.F
  4. Dr. amount
  5. Cr. amount 
  1. s.no: इसमें आप अगर खातों क्रम से लिखना चाहते है तब क्रम संख्या को लिखते है ज्यादातर लोग इसको छोड़ देते है। वो आप पर निर्भर करता है लेकिन trial balance को अच्छा दिखने लिए इसको लिखना जरूरी होता है। 
  2. Name of account: यह सबसे मुख्य कालम होता है इसमें आप उस अकाउंट का नाम लिखते है जो  नाम अपने लेजर में लिखा हुआ है। 
  3. L.F: ज्यादातर स्टूडेंट इसमें कंफ्यूज हो जाते है की इसका मतलब क्या होता है। देखिये LF का फुल फॉर्म होता है Ledger folio इस कॉलम  में उस लेजर  का पेज नंबर लिखना होता है। 
  4. Dr. amount: इस कॉलम में हम अकॉउंट के डेबिट साइड का टोटल लिखते है.
  5. Cr. amount: इस कॉलम में हम अकाउंट के क्रेडिट साइड  का टोटल लिखते है।
इसी प्रकार एक के बाद एक सभी अकाउंट का विवरण लिखते चले जाते है और अंत में trial balance के डेबिट और क्रेडिट साइड को भी टोटल कर लेते है। 
यदि trial balance के दोनों साइड का टोटल बराबर आता है तो  हमारा trial balance सही होता है या हम यूँ कह सकते है की हमारा ladger सही तरीके से किया गया है। उसमें कोई भी गणितीय मिस्टेक नहीं है।  

  • क्या trial balance खातों के शुद्ध होने का प्रमाण है ?
देखिये तलपट बनाने का प्रमुख उद्देश्य खातों की गणितीय शुद्धता की जाँच करना है।

साधारणतया तलपट के दोनों पक्षों के जोड़ मिल जाते हैं तो यह समझा जाता है कि दोनों पहलुओं का लेखा पूर्ण है और कोई अंकगणितीय अशुद्धि नहीं है।

तलपट के मिलने से केवल गणित संबंधी शुद्धि का ही ज्ञान हो सकता है, उसे खातों की पूर्ण शुद्धता का प्रमाण नहीं माना जा सकता है।

अनेकबार ऐसा देखा गया है कि तलपट तो मिला हुआ है लेकिन लेजर में त्रुटियां हैं।

तो इस तरह कुछ अशुद्धियाँ ऐसी होती हैं जो तलपट के मिलान को प्रभावित नहीं करती हैं। और इसलिए भइया  हम कह सकते हैं कि तलपट का मिलान खातों की पूर्ण शुद्धता का प्रमाण नहीं है।
  

Post a Comment

0 Comments