- T.D.S क्या है?
टीडीएस यानि (टैक्स डिडक्टेड सिस्टम ) यह भारतीय अधिकारीयों द्वारा वसूला जाने वाला अप्रत्यक्ष कर कलेक्शन है (आयकर अधिनियम 1961 के अनुसार )
वास्तव में यह इनकम टैक्स का ही हिस्सा होती है। जो किसी की भी आय में से ही काट ली जाती है।
नहीं समझ आया !
आईये और आसान भाषा में समझते है। ....
what is TDS? |
मान लीजिये किसी व्यक्ति की आय होती है 50000 अब उसे उसकी पूरी आय मिलना चाहिए है न ? लेकिन सैलरी देने वाला अधिकारी उसकी आय में से टैक्स काटकर अर्थात मानलीजिए 10 % टैक्स की देनदारी बनती है तो वह अधिकारी उस 50000 में से 5000 रूपये टैक्स काटकर बाकि के 45000 उस व्यक्ति को देता है ऐसे में कटी गयी 5000 की धनराशि ही टीडीएस कहलाएगी।
टीडीएस :सैलरी निवेश पर मिले व्याज , कमीशन, प्रोफेशनल ,फीस ,व्याज ,किराया आदि पर काटा जाता है।
- T.D.S क्यों लगाया जाता है ?
सरकार को अपने हिस्से का टैक्स आसानी से मिल जाता है जिससे राजस्व में स्थायित्व बना रहता है
और कर चोरी होने का भी डर नहीं रहता।
और करदाता को भी अनेक प्रक्रिया के झमेले से छुटकारा मिल जाता है और टैक्स आसानी से जमा हो जाता है।
- T.D.S कितनी आय पर लगाया जाता है ?
इनकम टैक्स की सीमा से नीचे के व्यक्ति पर टीडीएस नहीं काटा जाता
और FD (फिक्स डिपोज़िट) पर एक वर्ष में 10000 से काम व्याज मिलता है तो भी टीडीएस नहीं काटा जाता है
- T.D.S कौन काट सकता है ?
टीडीएस काटने वाले को डिडक्टर और जिसकी आय में से काटा जाता है उसे डिडक्टी कहते हैं.
1 Comments
Helpful👌👌
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